बुधवार, 24 अगस्त 2016

तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचने के कुछ घरेलु उपाय

यदि आप गुटखा या तम्बाकू का सेवन करते हैं या बीड़ी, सिगरेट पीते हैं, तो आप इसके दुष्परिणामो को भी अवश्य जानते होंगें। सबसे बेहतर विकल्प तो इन जानलेवा वस्तुओं को छोड़ देना ही है। 
परंतु फिर भी कुछ ऐसे घरेलु उपाय और सलाह है , जिनका पालन किया जाये तो इनके दुष्प्रभावो को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 


१) यदि आप लगातार उपरोक्त पदार्थो का सेवन करते हैं, तो दृढ़ निश्चय करके इसकी मात्रा में कमी कीजिये।
तथा इनके लगातार सेवन से बचने के लिए अपने पास लौंग, सौंफ,ईलायची, या फिर कोई कैण्डी रखें।




२) खाली पेट में तम्बाकू सेवन सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है अतः भरपेट भोजन या नाश्ता किये बिना तम्बाकू का सेवन न करें। 



३) सुबह ब्रश करने के पूर्व हल्दी पाउडर से दाँतों को माँजे तथा इसकी पीक को ३ से ५ मिनट्स तक मुँह में रखकर चारों ओर घुमाएं फिर कुल्ला करलें। हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है तथा मुँह के कैंसर एवं गले के कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों को दूर करने वाली है।


४) नहाने के पूर्व १ लीटर पानी को उबालकर  पानी में १ चम्मच हल्दी का पाउडर डालें तथा इससे निकलनेवाली भाप को श्वास द्वारा तौलिया ओढ़कर ५ मिनट्स तक ग्रहण करें , सिगरेट या बीड़ी पीने से फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है हल्दी की भाप से इसके दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 



५) रोज़ाना ख़ाली पेट तुलसी के ५ पत्तों (प्रत्येक रविवार एवं द्वादशी को छोड़कर) को चबाकर एक गिलास मटके का ताज़ा पानी पीजिये इससे आपके शरीर में निकोटिन का दुष्प्रभाव कम होगा तथा रक्तचाप भी नियंत्रित रहेगा। 

६) खाने में हरी मिर्च के कुछ टुकड़े अवश्य खाएं। यह आपके मुँह में लार की मात्रा बढाकर मुँह के छालों को ठीक करती है।

७) रात को भोजन के बाद मुँह साफ़ करके ब्रश करके सोयें तथा इस समय में तम्बाकू का सेवन न करें क्योकि इससे निंद्रा में व्यवधान होता है।
८) सोने से पहले दोनों नासाछिद्रों में गाय के शुद्ध घी की ४-४ बूंदें नियमितरूप से रोज़ाना डालें,आपकी श्वाशनली,आहारनली एवं गले में हो रही समस्त परेशानियाँ दूर करनेवाला योग है यह। .

नोट:- इस लेख को पढ़ने वाले समस्त महानुभावों से मेरा निवेदन है कि यदि आप किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं तो इसका त्याग करें अपने अमूल्य जीवन को इस तरह व्यर्थ न करें यदि आप यह  कर लें तो इसे छोड़ना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। उपरोक्त उपायों के अलावा कृपया रोज़ भ्रामरी प्राणायाम एवं अनुलोम-विलोम अवश्य करें इससे आपको काफी लाभ होगा।

जय श्री कृष्ण

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