शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

जल ही जीवन है; water is life

हमारे शास्त्रों में लिखा है – “अजीर्णे भेषजं वारि  जीर्णे वारि बलप्रदम“ अर्थात् अजीर्ण (अपच) में जल दवा का काम करता है और भोजन पचने के बाद पानी पीने से शरीर के बल में वृद्धि होती है, बहुत से रोग ऐसे हैं जिन्हें जल के माध्यम से ठीक किया जा सकता है । ठण्डे एवं गर्म जल के अपने-अपने औषधीय गुण हैं कई रोगों में ठंडा एवं कई रोगों में गर्म पानी दवा का कार्य करता है ।

ठण्डे पानी के लाभ
जब कोई अग्नि से झुलस या जल जाये तो तुरंत प्रभावित अंग या हिस्से को कम से कम एक घंटा ठण्डे पानी में डूबाकर रखें इससे उसे परम शांति का अनुभव होगा, जलन दूर होगी तथा घाव या फफोला भी नहीं होगा, यदि पूरा शरीर झुलस जाये तो एक बड़े से पानी के हौज या तालाब में डुबो दें केवल साँस लेने के लिए नाक को पानी से बाहर रखें ध्यान रहे की जला झुलसा अंग पानी में लगातार एक से दो घंटे डूबा रहे । कभी भी जलने पर प्रभावित अंग पर पानी का छिड़काव न करें इससे घाव या फफोले पड़ जाते हैं पानी में डूबाकर रखना ही कारगर इलाज है, यदि अस्पताल ले जाने के चक्कर रहेंगे तो व्यर्थ समय नष्ट होगा फफोले पड़ने से घाव में इन्फेक्शन का खतरा हो जायेगा अतः पहले पानी से ही इलाज करें तत्पश्चात अस्पताल ले जाएँ ।
बहुत से लोगों को ऐसा भ्रम होता है कि जले अंगों को पानी में डूबाने से घाव बढ़ेंगे परन्तु सच तो यह है कि उनपर पानी का छिड़काव करने से ऐसा होता है जब आप पीड़ित के प्रभावित अंगों को लगातार एक दो घंटे पानी में डूबाकर रखेंगे तब आपको ठण्डे पानी का असली चमत्कार दिखाई देगा ।


इसी प्रकार मोच या चोट वाले स्थान पर भी अत्यधिक ठण्डे पानी की पट्टी या बर्फ लगा सकते हैं इससे न तो सूजन आयेगी और न ही दर्द बढेगा यदि गर्म पानी की पट्टी लगायेंगे या सेंक करेंगे तो सूजन भी आ सकती है एवं दर्द भी बढ़ सकता है, यदि चोट लगने या कटने से खून आ जाये तो वहाँ एकदम ठण्डे पानी की पट्टी या बर्फ लगा दें आराम मिलेगा इसी प्रकार इंजेक्शन लगाने के बाद उस स्थान पर सूजन आ जाये या दर्द बढे तो ठण्डे पानी की पट्टी या बर्फ लगायें ।

गर्म पानी के लाभ

वातरोगों, जोड़ों के दर्द, कमर के दर्द, घुटने के दर्द, गठिया, कंधे की जकड़न आदि में गर्म पानी के सेंक या भाप लेने के आराम मिलता है ।यदि रात में नींद ना आती हो तो सोने से पहले दोनों पैरों को घुटने तक सहने योग्य गर्म पानी से भरी बाल्टी या टब में पंद्रह मिनिट तक डुबाकर रखें इसके बाद पैरों को बाहर निकालकर पोंछ लें और सो जाएँ नींद आ जाएगी । यह भी ध्यान रहे कि जब गर्म पानी में पैर डूबायें  तब सिर पर ठण्डे पानी में भिगोकर निचोड़ा हुआ तौलिया अवश्य रखें ।



रोज सुबह उठकर विशेषकर ठण्ड के दिनों में गर्म पानी का सेवन अवश्य करें इसे शरीर की अनावश्यक चर्बी दूर होती है तथा कफ़ का प्रकोप भी कम होता है ।



आपने अस्पतालों और नर्सिंग होम में देखा होगा कि पतले दस्त या उल्टी-दस्त के रोगियों को सेलाइन का पानी (ड्रिप) चढाते हैं यह सेलाइन का पानी नमकीन पानी होता है इससे रोगी ठीक हो जाता है, इसी प्रकार बच्चों को पतले दस्त या डायरिया में जीवन रक्षक घोल (नमक-शक्कर का घोल) बनाकर देने से बच्चे ठीक हो जाते हैं, शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए यह घोल दिया जाता है, पानी की कमी से मृत्यु तक हो सकती है यही कारण है कि रोगी के शरीर में पानी पँहुचाया जाता है चाहे मुख से या सेलाइन के माध्यम से...........ये हैं पानी के कुछ अद्भुत चमत्कार । 

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